
खेसरहा। ब्लॉक क्षेत्र में स्नातक तक बेहतर शिक्षा देने के लिए बने पचमोहनी बेलौहा में पांच साल पहले बने राजकीय माडल महाविद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है। कई विषयों के शिक्षक न होने के कारण छात्र-छात्राओं को पढ़ाई में परेशानी हो रही है। हाल यह है कि बीएससी साइंस के शिक्षक नहीं हैं। छात्राओं का कहना है कि ऑनलाइन माध्यम से कोर्स पूरा करते हैं। शिक्षकों की तैनाती पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
खेसरहा ब्लॉक क्षेत्र के पचमोहनी बेलौहा में वर्ष 2019 से संचालित राजकीय मॉडल महाविद्यालय बनाया गया। इससे क्षेत्र के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। महाविद्यालय बन गया। बीएससी सहित कई कक्षाएं यहां पर शुरू भी हो गई। लेकिन महाविद्यालय के शुरू होने से अबतक शिक्षकों के पद भरे नहीं गए। यहां दाखिला लेने वाले छात्र-छात्राओं को कोर्स पूरा करने में दिक्कत हो रही है। कारण कई मुख्य विषय के शिक्षक के पद खाली हैं। बच्चों को ऑनलाइन कोर्स पूरा करना पड़ रहा है। तैनाती के आंकड़ों पर गौर करें तो को सृजित पदों के सापेक्ष अभी तक नियुक्ति नहीं हो पाई है।
महाविद्यालय में 30 पद में 15 पद स्थाई है और 15 पदों पर नियुक्ति आउटसोर्सिंग से होनी है। संस्था में जंतु विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, हिन्दी, अंग्रेजी, गृह विज्ञान, प्रयोगशाला सहायक व लाइब्रेरियन शिक्षक के लिए अभी तक नियुक्ति नहीं किया गया है। तो वहीं आउटसोर्सिंग से चतुर्थ श्रेणी की नियुक्ति न होने से काफी परेशानी हो रही है। आंकड़ों के मुताबिक यहां 176 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इस महाविद्यालय में विज्ञान वर्ग शिक्षक नहीं होने से यहां से बीएससी कर रहे छात्रों को मोबाइल के जरिए आन लाइन पढ़ाई ही एक माध्यम है। विज्ञान प्रयोगशाला होने के बावजूद भी प्रेक्टिकल जानकारी नहीं हो पाती है।
महाविद्यालय में कुछ विषय के शिक्षक नहीं हैं। शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए निदेशालय को पत्राचार किया गया है।
-डॉ. विजय बहादुर सिंह, प्राचार्य, राजकीय मॉडल महाविद्यालय, पचमोहनी बेलौहा